क्रांति के लिए खूनी लड़ाईयां जरूरी नहीं है और न ही इसमें व्यक्तिगत हिंसा के लिए कोई जगह है। वह बम और पिस्तौल का संप्रदाय भी नहीं है। क्रांति के मायने हैं- अन्याय और भ्रष्टाचार पर आधारित समाज में आमूल परिवर्तन।
Thursday, March 4, 2010
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